पंद्रह अगस्त यानी उत्सव। यानी उत्सव का जन्मदिन। उत्सव यानी हमारा छोटा बेटा। आज वह उन्नीस साल पूरे करके बीसवें साल में प्रवेश कर रहा है। उसकी कुछ यादें यहां तस्वीरों की जुबानी । एक आलेख गुल्लक में पढ़ सकते हैं।
दादी की गोद में, भाई कबीर के साथ |
मां की गोद में: कुआं पूजन के दिन |
नीमा का उत्सव |
पहले जन्मदिन पर उत्सव की मित्र मंडली |
दादा की गोद और बड़ दादी की छाया |
चलो भाई फुटबाल खेलते हैं....! |
पहले कुछ खा तो लूं....! |
अच्छा केक भी काट लेता हूं : सातवीं सालगिरह |
हां जी होली भी खेलते रहे हैं हम ! |
नौवीं सालगिरह! |
जन्मदिन मेरा है ,पर केक तो मां को खाना पड़ेगा! |
चिरायु हों, यशस्वी हों!!
ReplyDeleteतुम सदा उत्सव बने रहना बेटे. आजाद रहना. ये दोनों बहुत कीमती चीजें हैं, इन्हें बचा कर रखना. शुभकामनायें.
ReplyDeletebahut achha laga utsav ke janam din par yah paariwarik mahaul dekhkar.. sach mein kitne khushi hoti hai jab sab miljulkar ek saamne rahte hai.. Utsav ko dher shubhkamnayne... aur aapko bhi prastuti ke liye haardik subhkamnayne
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
ReplyDeleteब्लॉग का नाम निबोली बहुत ही अच्छा लगा।
ReplyDeleteAAJ HI AAP KA BLOG DEKHANE KO MILA. BAHOOT SOONDAR. SHOOBH KAMANAAYE !
ReplyDeleteSHOOBHKAMNAYE BLOG LIKHANE KI. UDAY TAMHANE BHOPAL.
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